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How to Become Beautiful Secrets Food Hindi


लंबा जीवन जीने का कोई भी शॉर्ट-कट नहीं होता है, इसके लिए स्‍वस्‍थ दिनचर्या के साथ पौष्टिक आहार का सेवन बहुत जरूरी है। यह सबकी चाहत होती है कि उसकी उम्र पर बुढ़ापा जल्दी हावी न हो साथ ही उसकी सुंदरता या फिर यौवन लंबे समय तक बरकरार रहे। बेहतर खानपान के जरिए ऑस्टियोपोरोसिस, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों में दर्द, कमजोर हड्डी में लाभ होता है। यह जरूरी है कि लंबी उम्र और सुंदरता के लिए ये सभी लंबे समय तक स्वस्थ बने रहे।
 1. बाल और ज्वाइंट्स: एक रसायरण मेदीसुलफोनीलमीथेन (MSM) कई तरह के फल, सब्जियों और अनाजों में पाया जाता है। यह सल्फर का ऑर्गेनिक कंपाउंड होता है। यह आपके शरीरके ज्वाइंट्स को सक्रिय रखता है। यह आपके बालों की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। 

 2. सोया फूड: सोया फूड के सेवन से दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम हो सकता है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने सोयाबीन को गोल्डेनबीन की उपाधि दी, क्योंकि यह पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण है और स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए उपयुक्त है। इसमें लगभग 40 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जो कि दालों में सर्वाधिक है। सोयाबीन का सेवन आपके लिए आपकी दिल की बीमारियों की आशंका को कम करता है । यह आपकी सेहत के लिए बहुत गुणकारी होता है।

Read More- https://bakhetwal.blogspot.in/2016/07/benefits-of-mango.html

3. पौधों का स्टेरॉल्स: कद्दू यानी लौकी के बीज टी सेल्स (किलर सेल्स) को शरीर में बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते है। इसलिए स्वस्थ जीवन के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधों का स्टेरॉल्स लेना उपयोगी है। सुंदरता बढ़ाने और बुढ़ापे को लंबे समय तक दूर रखने के लिए यह रामबाण की तरह काम करता है। 

4. ऑलिव ऑयल: ऑलिव ऑयल का प्रयोग शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है । यह  बालों से डैंड्रफ समाप्त करता है। ऑलिव ऑयल का प्रयोग खाना और सलाद बनाने में किया जाता है। यह ना सिर्फ आपके सौंदर्य को लंबे समय तक बनाए रखता है बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। 

5. अंगूर: फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह मस्तिष्क को लंबे समय तक उर्वर और स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। साथ ही अंगूर का सेवन अल्जाइमर जैसी बीमारियों को भी दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।

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Benefits of Mango

आम (Mango) एक बहुत ही स्वादिष्ट और लाभदायक फल है, इसमें अधिक मात्रा में पौषक तत्व जैसे-कार्बोहाइड्रेट, विटामिन C, विटामिन A & B, पोटेशियम, कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और आयरन आदि पाये जाते हैं, जो हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ा देते है जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने के लिये मजबूत और तत्पर हो जाता है। आम को फलों का राजा कहा जाता है और यह फल गर्मियों में मौसम में ही मिलता है, इसलिये खासतौर पर बच्चे तो गर्मी के मौसम को आम के मौसम के नाम से भी जरूर ही जानते होंगे, अलग अलग क्षेत्रों के अनुसार आम की बहुत ही अलग-अलग जातियाँ भी पायी जाती है जो स्वाद और आकार में काफी अलग होती है जैसे – तोतापरी, दशहरी, सफेदा, हापुस, बादाम आदि। आम को हम कच्चे और पके दोनों रूपों में प्रयोग में लाते है, पके हुए आम से हम मिल्कशेक, शर्बत, आइसक्रीम, बर्फी और भी बहुत से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर तैयार करते है तो साथ ही साथ हम कच्चे आम से भी अचार, चटनी, कच्चे आम का पना, कढ़ी और कच्चे आम की लौंजी आदि बहुत ही डिश बनाते है। आम स्वादिष्ट होने के साथ साथ बहुत से लाभदायक गुण अपने अंदर छुपाकर रखता है जिनके बारे में आज हम आपसे बात करेंगें, तो आईये आज हम आम से होने वाले लाभों (Benefits Of Mango) के बारे में बात करेंगें क्योकिं जब आप आम से होने फायदों में बारे में जानेंगें तब आम का स्वाद कई गुना आपने आप बढ़ जायेगा।


Benefits of Mango

आम के फायदे (Benefits Of Mango):-
1. आम खाने से आँखों से संबंधित रोगों छुटकारा पाया जा सकता है क्योंकि आम में अन्य सभी फलों में सबसे ज्यादा विटामिन `A´ पाया जाता है, इसलिए आम का प्रयोग रतौंधी के लिये काफी लाभदायक माना जाता है।
2. आम का प्रयोग खाने के साथ-साथ बहुत से सौंदर्यवर्धक नुस्खों में भी किया जाता है, अगर आप भी निखरी और चमकदार त्वचा पाने चाहते है तो 2 चम्मच आम के गूदे बाउल में निकालकर इसमें आधा चम्मच शहद और थोड़ा दूध मिलाकर लगाने से त्वचा के रंग में अंदरूनी निखार आ जाता है।
3. गर्मी के दिनों में लू लगने की समस्या का ज्यादातर सभी लोगों को सामना करना पड़ता है, लू की समस्या से बचने के लिए कच्चे आम की प्याज के साथ की चटनी बनाकर अपने खाने में जरूर शामिल करें, यह स्वादिष्ट चटनी आपके खाने के स्वाद को तो दोगुना करेगी ही, साथ ही साथ आपको गर्मी की भयंकर वाली लू से भी बचायेगी।
4. जिन लोगों को नींद न आने की समस्या हो वो रात को सोते समय पके हुये आम को खाकर ठंडा दूध पीयें या फिर आप मैंगोशेक बनाकर भी ले सकते है, ऐसा करने से आपको बहुत ही अच्छी और गहरी नींद आयेगी।
5. आम में काफी अधिक मात्रा में फाइबर पाये जाते है जिससे पाचन क्रिया ठीक रहती है, और साथ ही साथ इसके प्रयोग से कब्ज की समस्या से भी मुक्ति पायी जा सकती है।
6. भूख न लगने की समस्या होने पर आम के रस में सेंधा नमक और चीनी मिलाकर पीने से खुलकर भूख लगने लगती है।
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 Must Read: मंदिर में घंटी बजाने के स्‍वास्‍थ्‍य फायदों के बारे में जानें

Less Sleep Affect Sugar Level


अधूरी नींद आपको बना सकती है शुगर का मरीज

Less Sleep Affect Your Sugar Level

कम सोने के कारण इंसुलिन को लेकर शरीर की संवेदनशीलता कम हो जाती है और ब्लड में शुगर को नियंत्रित करने की इसकी क्षमता भी प्रभावित होती है जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में लोगों को इस संबंध में आगाह किया गया है। इस अध्ययन में अपर्याप्त नींद से मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, मनोवस्था संबंधी विकार, संज्ञानात्मक विकार और दुर्घटनाओं से संबंध के बारे में भी बताया गया है।


अमेरिका के कोलोराडो बाउल्डर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक केनेथ राइट जूनियर ने कहा कि जब लोग बहुत कम सोते हैं तो उनके शरीर की घड़ी कहती है कि उनको सोना चाहिए और जब वह सुबह में कुछ खाते हैं तो यह उनके रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है। राइट और सह लेखक रॉबर्ट एकेल ने अपने अध्ययन के लिए 16 स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं को चुना। इस अध्ययन का प्रकाशन ‘करंट बायोलॉजी’ नामक जर्नल में हुआ है। 


Source: wahhindi



Whether Change Eye Care Tips in Hindi

बदलते मौसम में यूँ रखें आप आँखों का ध्यान

Eyes हमारे शरीर का न केवल महत्वपूर्ण अंग है बल्कि यह सबसे संवेनशील भी है और ऐसे में इनका ध्यान रखना तो बनता है क्योंकि जिन्दगी में हमारे जिदंगी भी खूबसूरती हम देख पाते ही वो इन्ही की वजह से होती है और ऐसे में आपका इनके लिए जागरूक रहना भी बेहद जरुरी है क्योंकि अगर आपकी आँखों का आप ध्यान नहीं रखेंगे तो बाद में जाकर आपके लिए परेशानी होने वाली है और खासकर बदलते हुए मौसम में कई सारी eyes issues होते है जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए और यह भी कि इन्हें आप किस तरह से avoid कर सकते है | तो चलिए बात करते है इसकी बारे में कुछ और details में आज की हमारी पोस्ट “ weather change eyes care tips “ में –

weather change eyes care tips hindi

बदलते हुए मौसम का सबसे अधिक प्रभाव हमारे बाहरी अंगो पर पड़ता है जो कि बाह्य वातावरण के साथ सीधे सम्पर्क में होते है जैसे कि हमारी आंखे , नाक और कान और इसे ENT triangle भी कहते है जिसके बारे में हमने पिछली पोस्ट में बात की थी इसके अलावा प्रदुषण बहुत है और ऊपर से दिवाली और दशहरे के समय होने वाला प्रदुषण और धुआं जो है वो भी काफी लम्बे समय तक हमारे वातावरण में बना रहता है और इन सभी तमाम तरह के कारकों की वजह से हमारी eyes को बहुत कुछ झेलना पड़ता है जिसकी वजह से जरुरी है कि आप weather change के दौरान और दूसरे समय भी eyes care को तवज्जो दें और इसके लिए कुछ निम्न मुख्य बातें आप ध्यान में रखें –
  • सबसे पहले तो एक मूलमंत्र है जो करीबन हर तरह की समस्या में काम आता है वो है अधिक से अधिक पानी पिए क्योंकि इस से आपके शरीर में तरल की मात्रा बनी रहती है और यह उसी तरह जरुरी है जैसे कि किसी भी इंजन के अंदर Mobil oil और ग्रीस क्योंकि आँखों को अपना काम करने के लिए नमी की जरुरत होती है और वो नमी आती है पानी से | अमूमन हम गर्मी में तो अच्छी खासी मात्रा में पानी पीते है लेकिन सर्दी में इसे कम कर देते है लेकिन आपको चाहिए कि आप सर्दी हो या गर्मी पानी ज्यादा से ज्यादा पिए ताकि आपके शरीर में नमी बनी रहे |
beautiful eye

  • अगर आप Computer पर लम्बे समय के लिए काम करते है तो आपके लिए जरुरी है कि आप एक तो तो अपने बैठने का तरीका सही रखे और साथ ही computer स्क्रीन को आँखों से कम से कम 1 फीट की दूरी तक रखें |
  • अँधेरे की स्थिति में मोबाइल का इस्तेमाल न के बराबर करें क्योंकि इस से आपको आँखों पर बहुत जोर पड़ता है |
  • Ebook पढने के शौकीन है तो इस बात का भी ध्यान रखे कि यह भी आपकी eyes health के लिए अच्छा नहीं है और आप अगर पढने के पुराने तरीके को प्राथमिकता देते है तो वो बेटर है |
  • मौसम गर्मी का है तो इस बात का ध्यान रखें कि तेज धूप आपकी आँखों की health के लिहाज से सही नहीं है तो इसलिए जब भी गर्मी में बाहर निकलना हो धूप का चश्मा पहकर ही निकलें |
  • weather change के दौरान eyes care में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि कभी भी लम्बे समय तक आंखे एक जगह ही केन्द्रित रहे ऐसा कोई काम नहीं करें और बीच बीचे में पलके झपकते हुए बीच बीच में ब्रेक लेते हुए काम करें |
  • Eyes health के लिए अपनी diet में अंकुरित अनाज को शामिल करे और इसके अलावा बादाम , टमाटर , पालक , गाजर आदि को अपनी diet में मुख्य रूप से शामिल करें |
अब लास्ट में सबसे important बात की अगर आपको किसी भी तरह की कोई आँखों से जुडी समस्या है तो खुद ही इस बारे में डॉक्टर नहीं बने और किसी चश्मे की दुकान पर जाकर चश्मा बनवा लेना ही एकमात्र इसका हल नहीं है  क्योंकि आँखों की बहुत सारी समस्याएं होती है जिनके बारे में आप नहीं जानते है है इसलिए किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाएँ |
तो ये है weather change eyes care tips hindi और इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप नीचे कमेन्ट कर सकते है या हमसे गूगल या फेसबुक पेज को लाइक कर सवाल पूछ सकते है अथवा hindi health updates पाने के लिए आप हमारी वेबसाइट से free email subscription ले सकते है |

Health Benefit of Ringing The Bell in Temple Hindi

मंदिर में घंटी बजाने के स्‍वास्‍थ्‍य फायदों के बारे में जानें

हमारे देश में कई धर्मों में मंदिर के बार घंटी लगी होती है, और परंपरा के रूप में लोग मंदिर में जाकर घंटी बजाते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं मंदिर में धंटी बजाने का असर हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर भी पड़ता है। सबसे पहले धार्मिक स्थानों में घंटी लगाने का आरंभ जैन और हिन्दू मंदिरों से हुआ। तत्पश्चात बौद्ध धर्म और फिर ईसाई धर्म ने इस परंपरा को अपनाया। जिन धार्मिक स्थानों में प्रतिदिन घंटी बजती है उन्हें जाग्रत देव मंदिर कहा जाता है। देवताओं को जागृत करने का माध्यम है घंटाध्वनि। कई लोगों को ये बस शोर जैसा लगता है। पर हकीकत में मंदिर में घंटा बजाने के वैज्ञानिक कारण भी होते हैं। इसके बारे में इस लेख में विस्‍तार से चर्चा करते हैं।
temple bell
  • जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद अर्थात ध्वनि गुंजन हुआ था वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। उल्लेखनीय है कि यही नाद ॐकार के उच्चारण से भी जागृत होता है। देवालयों और मंदिरों के गर्भगृह के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है।
  • देवालयों में घंटी और घड़ियाल संध्यावंदन के समय बजाएं जाते हैं। संध्यावंदन 8 प्रहर की होती है जिसमें से मुख्य पांच और उसमें से भी प्रात: और संध्या यह दो प्रमुख है।
  • पूजा व आरती के समय बजाए जाने वाली छोटी घंटियों और घंटे-घडियालों में एक विशेष ताल और गति होती है। इन लय युक्त तरंगौं का प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पडता है। घंटे की आवाज़ ककर्श न होकर मनमोहक एवं कर्ण-पिर्य होती है जिस से किसी भी प्रकार हानि नहीं होती।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
  • मंदिर की घंटियां कैडमियम, जिंक, निकेल, क्रोमियम और मैग्नीशियम से बनती हैं जिसकी आवाज़ दूर तक जाती है। ये आपके मस्तिष्क के दाएं और बाएं हिस्से को संतुलित करता है। जैसे ही आप घंटी या घंटा बजाते हैं एक तेज आवाज पैदा होती है, ये आवाज़ 10 सेकेंड तक गूंजती है।
  • इस गूंज की अवधि आपके शरीर के सभी 7 हीलिंग सेंटर को एक्टीवेट करने के लिए काफी अच्छी होती है।ये आपको आसपास के वातावरण को शुद्ध करते है। 
  • घंटी की ध्वनि मन, मस्तिष्क और शरीर को ऊर्जा प्रकार प्रदान करती है। इस ऊर्जा से बुद्धि प्रखर होती है। मंदिरों में जब भी आरती होती है तो घंटी की आवाज से वहां उपस्थित लोग मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं।

  • जिन स्थानों पर घंटी की आवाज नियमित तौर पर आती रहती है वहां का वातावरण हमेशा सुखद और पवित्र बना रहता है और नकारात्मक या बुरी शक्तियां पूरी तरह निष्क्रिय रहती हैं।


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