June 2016 - Digital Lifestyle

Whether Change Eye Care Tips in Hindi

बदलते मौसम में यूँ रखें आप आँखों का ध्यान

Eyes हमारे शरीर का न केवल महत्वपूर्ण अंग है बल्कि यह सबसे संवेनशील भी है और ऐसे में इनका ध्यान रखना तो बनता है क्योंकि जिन्दगी में हमारे जिदंगी भी खूबसूरती हम देख पाते ही वो इन्ही की वजह से होती है और ऐसे में आपका इनके लिए जागरूक रहना भी बेहद जरुरी है क्योंकि अगर आपकी आँखों का आप ध्यान नहीं रखेंगे तो बाद में जाकर आपके लिए परेशानी होने वाली है और खासकर बदलते हुए मौसम में कई सारी eyes issues होते है जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए और यह भी कि इन्हें आप किस तरह से avoid कर सकते है | तो चलिए बात करते है इसकी बारे में कुछ और details में आज की हमारी पोस्ट “ weather change eyes care tips “ में –

weather change eyes care tips hindi

बदलते हुए मौसम का सबसे अधिक प्रभाव हमारे बाहरी अंगो पर पड़ता है जो कि बाह्य वातावरण के साथ सीधे सम्पर्क में होते है जैसे कि हमारी आंखे , नाक और कान और इसे ENT triangle भी कहते है जिसके बारे में हमने पिछली पोस्ट में बात की थी इसके अलावा प्रदुषण बहुत है और ऊपर से दिवाली और दशहरे के समय होने वाला प्रदुषण और धुआं जो है वो भी काफी लम्बे समय तक हमारे वातावरण में बना रहता है और इन सभी तमाम तरह के कारकों की वजह से हमारी eyes को बहुत कुछ झेलना पड़ता है जिसकी वजह से जरुरी है कि आप weather change के दौरान और दूसरे समय भी eyes care को तवज्जो दें और इसके लिए कुछ निम्न मुख्य बातें आप ध्यान में रखें –
  • सबसे पहले तो एक मूलमंत्र है जो करीबन हर तरह की समस्या में काम आता है वो है अधिक से अधिक पानी पिए क्योंकि इस से आपके शरीर में तरल की मात्रा बनी रहती है और यह उसी तरह जरुरी है जैसे कि किसी भी इंजन के अंदर Mobil oil और ग्रीस क्योंकि आँखों को अपना काम करने के लिए नमी की जरुरत होती है और वो नमी आती है पानी से | अमूमन हम गर्मी में तो अच्छी खासी मात्रा में पानी पीते है लेकिन सर्दी में इसे कम कर देते है लेकिन आपको चाहिए कि आप सर्दी हो या गर्मी पानी ज्यादा से ज्यादा पिए ताकि आपके शरीर में नमी बनी रहे |
beautiful eye

  • अगर आप Computer पर लम्बे समय के लिए काम करते है तो आपके लिए जरुरी है कि आप एक तो तो अपने बैठने का तरीका सही रखे और साथ ही computer स्क्रीन को आँखों से कम से कम 1 फीट की दूरी तक रखें |
  • अँधेरे की स्थिति में मोबाइल का इस्तेमाल न के बराबर करें क्योंकि इस से आपको आँखों पर बहुत जोर पड़ता है |
  • Ebook पढने के शौकीन है तो इस बात का भी ध्यान रखे कि यह भी आपकी eyes health के लिए अच्छा नहीं है और आप अगर पढने के पुराने तरीके को प्राथमिकता देते है तो वो बेटर है |
  • मौसम गर्मी का है तो इस बात का ध्यान रखें कि तेज धूप आपकी आँखों की health के लिहाज से सही नहीं है तो इसलिए जब भी गर्मी में बाहर निकलना हो धूप का चश्मा पहकर ही निकलें |
  • weather change के दौरान eyes care में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि कभी भी लम्बे समय तक आंखे एक जगह ही केन्द्रित रहे ऐसा कोई काम नहीं करें और बीच बीचे में पलके झपकते हुए बीच बीच में ब्रेक लेते हुए काम करें |
  • Eyes health के लिए अपनी diet में अंकुरित अनाज को शामिल करे और इसके अलावा बादाम , टमाटर , पालक , गाजर आदि को अपनी diet में मुख्य रूप से शामिल करें |
अब लास्ट में सबसे important बात की अगर आपको किसी भी तरह की कोई आँखों से जुडी समस्या है तो खुद ही इस बारे में डॉक्टर नहीं बने और किसी चश्मे की दुकान पर जाकर चश्मा बनवा लेना ही एकमात्र इसका हल नहीं है  क्योंकि आँखों की बहुत सारी समस्याएं होती है जिनके बारे में आप नहीं जानते है है इसलिए किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाएँ |
तो ये है weather change eyes care tips hindi और इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप नीचे कमेन्ट कर सकते है या हमसे गूगल या फेसबुक पेज को लाइक कर सवाल पूछ सकते है अथवा hindi health updates पाने के लिए आप हमारी वेबसाइट से free email subscription ले सकते है |

Health Benefit of Ringing The Bell in Temple Hindi

मंदिर में घंटी बजाने के स्‍वास्‍थ्‍य फायदों के बारे में जानें

हमारे देश में कई धर्मों में मंदिर के बार घंटी लगी होती है, और परंपरा के रूप में लोग मंदिर में जाकर घंटी बजाते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं मंदिर में धंटी बजाने का असर हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर भी पड़ता है। सबसे पहले धार्मिक स्थानों में घंटी लगाने का आरंभ जैन और हिन्दू मंदिरों से हुआ। तत्पश्चात बौद्ध धर्म और फिर ईसाई धर्म ने इस परंपरा को अपनाया। जिन धार्मिक स्थानों में प्रतिदिन घंटी बजती है उन्हें जाग्रत देव मंदिर कहा जाता है। देवताओं को जागृत करने का माध्यम है घंटाध्वनि। कई लोगों को ये बस शोर जैसा लगता है। पर हकीकत में मंदिर में घंटा बजाने के वैज्ञानिक कारण भी होते हैं। इसके बारे में इस लेख में विस्‍तार से चर्चा करते हैं।
temple bell
  • जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद अर्थात ध्वनि गुंजन हुआ था वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। उल्लेखनीय है कि यही नाद ॐकार के उच्चारण से भी जागृत होता है। देवालयों और मंदिरों के गर्भगृह के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है।
  • देवालयों में घंटी और घड़ियाल संध्यावंदन के समय बजाएं जाते हैं। संध्यावंदन 8 प्रहर की होती है जिसमें से मुख्य पांच और उसमें से भी प्रात: और संध्या यह दो प्रमुख है।
  • पूजा व आरती के समय बजाए जाने वाली छोटी घंटियों और घंटे-घडियालों में एक विशेष ताल और गति होती है। इन लय युक्त तरंगौं का प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पडता है। घंटे की आवाज़ ककर्श न होकर मनमोहक एवं कर्ण-पिर्य होती है जिस से किसी भी प्रकार हानि नहीं होती।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
  • मंदिर की घंटियां कैडमियम, जिंक, निकेल, क्रोमियम और मैग्नीशियम से बनती हैं जिसकी आवाज़ दूर तक जाती है। ये आपके मस्तिष्क के दाएं और बाएं हिस्से को संतुलित करता है। जैसे ही आप घंटी या घंटा बजाते हैं एक तेज आवाज पैदा होती है, ये आवाज़ 10 सेकेंड तक गूंजती है।
  • इस गूंज की अवधि आपके शरीर के सभी 7 हीलिंग सेंटर को एक्टीवेट करने के लिए काफी अच्छी होती है।ये आपको आसपास के वातावरण को शुद्ध करते है। 
  • घंटी की ध्वनि मन, मस्तिष्क और शरीर को ऊर्जा प्रकार प्रदान करती है। इस ऊर्जा से बुद्धि प्रखर होती है। मंदिरों में जब भी आरती होती है तो घंटी की आवाज से वहां उपस्थित लोग मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं।

  • जिन स्थानों पर घंटी की आवाज नियमित तौर पर आती रहती है वहां का वातावरण हमेशा सुखद और पवित्र बना रहता है और नकारात्मक या बुरी शक्तियां पूरी तरह निष्क्रिय रहती हैं।


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